मानसरोवर--मुंशी प्रेमचंद जी

270 Part

51 times read

1 Liked

मानसरोवरअलग्योझा मुंशी प्रेम चंद 3 मुलिया मैके से ही जली-भुनी आयी थी। मेरा शौहर छाती फाड़कर काम करे, और पन्ना रानी बनी बैठी रहे, उसके लड़े रईसजादे बने घूमें। मुलिया से ...

Chapter

×